सहारनपुर के चिलकाना इलाके में जैविक खाद प्लांट लगाने का सपना दिखाकर दो किसानों से करीब 6 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठगों ने न सिर्फ सरकारी योजना और सब्सिडी का हवाला दिया, बल्कि बाकायदा एग्रीमेंट भी साइन कराए और खातों में पैसे भी डाले – ताकि पूरा खेल असली लगे। लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो दोनों किसान ठगे-से रह गए, और ठग—कंपनी समेत—गायब।

मामला थाना चिलकाना क्षेत्र के मोहल्ला मजहर हसन का है, जहां के रहने वाले मेहा सिंह और उनके साथी रोहित सैनी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके साथ इस तरह का धोखा होगा। मेहा सिंह कस्बा चिलकाना के सुल्तानपुर में ‘स्टार सिटी पैथोलॉजी सेंटर’ चलाते हैं, और रोहित सैनी पास में मेडिकल स्टोर।
13 अगस्त 2024 को एक आम सुबह की तरह दुकान पर बैठे मेहा सिंह के पास पहुंचे रवि प्रकाश और उसकी पत्नी सोनिया। खुद को ‘एग्रो बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड’ के कर्मचारी बताते हुए दोनों ने जैविक खाद प्लांट का शानदार खाका खींचा—“25 बेड लगाइए, हर तीन महीने में 600 किलो खाद तैयार होगी, कंपनी खुद 5 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदेगी। आप कमाएंगे लाखों!”
बातों में विश्वास पैदा हुआ। फिर 16 अगस्त को दोनों पीड़ित बताए गए पते पर पहुंचे जहां दो और चेहरे मिले—सुशील कुमार और संजीव कुमार। सुशील ने खुद को CMD बताया और संजीव ने MD। बातों में गजब का आत्मविश्वास था और दावा था कि कंपनी पूरी तरह सरकारी योजनाओं से जुड़ी है और एग्रीमेंट के साथ काम करती है।
इतना सब सुनकर मेहा सिंह ने 30 हजार रुपये फोनपे से ट्रांसफर किए, और रोहित सैनी ने 50 हजार रुपये नकद दिए। इसके बाद तो जैसे पैसों की रफ्तार बढ़ गई—मेहा सिंह ने 25 अगस्त, 7 नवंबर और 29 दिसंबर को मिलाकर कुल 3 लाख 40 हजार रुपये दे दिए। रोहित ने भी 16 और 30 सितंबर को कुल 2.5 लाख रुपये कंपनी को थमा दिए।
ठगी का यह प्लान सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहा—कंपनी ने दोनों से एग्रीमेंट भी कराए और सरकारी सब्सिडी का झांसा देने के लिए मेहा सिंह के खाते में 50 हजार और रोहित के खाते में 22,800 रुपये डाल भी दिए। इससे उनका भरोसा और गहरा गया।
लेकिन असली खेल यहीं से शुरू हुआ।
दोनों किसानों ने अपनी-अपनी 3-3 बीघा जमीन जैविक खाद बेड लगाने के लिए खाली छोड़ दी। लेकिन ना कोई मशीन आई, ना कोई कर्मचारी। जब वे बार-बार कंपनी के कार्यालय गए तो जवाब मिला– “अभी काम शुरू होने वाला है।” और फिर कुछ दिन बाद, ऑफिस ही गायब।
साफ था—जिन्होंने भरोसा जीता था, वो अब भरोसा तोड़कर फरार हो चुके थे। दोनों किसानों ने 26 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मामला दर्ज किया।
आरोपियों के नाम हैं – रवि प्रकाश, सोनिया कुमारी, सुशील कुमार और संजीव कुमार। चारों के खिलाफ अब पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल, ये सभी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।