इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहारनपुर और मेदान्ता हॉस्पिटल गुरुग्राम के विशेषज्ञ चिकित्सको की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन आईएमए हाल सहारनपुर में हुआ।
कार्यक्रम में सबसे पहले आईएमएम सचिव डॉ सौम्य जैन द्वारा आईएमए सहारनपुर की युवा महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ऐश्वर्या शर्मा के आकस्मिक निधन पर शोक प्रकट किया गया इसके बाद सभी डॉक्टर्स द्वारा उनको श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम में डॉ संजीव मित्तल ने गुरुग्राम के चिकित्सको का परिचय सबसे करवाया।
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अंकुर नन्दन वार्ष्णेय ने अपने व्यख्यान में बताया कि हर साल लगभग छह मिलियन लोगो को कैंसर की बीमारी हो जाती है जिसकी सबसे बड़ी वजह धूम्रपान, तंबाकू,और शराब का सेवन है।
पहले कैंसर के इलाज में मरीज 6 महीने ही जीवित रह पाते थे लेकिन अब इलाज की नई पद्धतियों से जिनमे कार-टी,जीन थेरेपी,टार्गेटिड थेरेपी आदि से कैंसर रोगी का जीवन पहले से कई गुना ज्यादा हो गया है।
उन्होंने कैंसर की नई दवाइयों, इम्यूनोथेरेपी,और कैंसर वैक्सीन की जानकारी देते हुए बताया की इसमें पहले होने वाली कीमोथेरेपी की उपेक्षा बहुत कम साइड इफेक्ट्स आते है और मरीज को इलाज के दौरान गंजापन आदि समस्याओं से नही जूझना पड़ता है।
इसमें कैंसर रोगी के ईलाज में सालाना खर्च लगभग 2 से 5 लाख तक आता है।
इस कार्यशाला में मेदान्ता हॉस्पिटल के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक कथूरिया ने आंत की बीमारी उलसेरेटिव कोलाइटिस और प्रोकटेटाईटिस के नवीनतम ईलाज की जानकारी दी,उन्होंने बताया की मेसालामीन थेरपी इसमें काफी कारगर है ।
इसके अलावा इन्फ्लिक्सिमिब आदि दवाइयां अब भारत मे आसानी से उपलब्ध है और ईलाज का खर्चा भी अब ज्यादा नही है।
इस अवसर पर आईएमए अध्यक्ष डॉ कलीम अहमद ने कहा कि सभी मरीजो को सस्ता ईलाज मिलना चाहिए,चाहे कैंसर के मरीज हो या कोई अन्य बीमारी हो ,मरीज अगर समय से अपना सही जगह विशेषज्ञ डॉक्टर से ईलाज करवाये तो ईलाज सस्ता और ज्यादा कारगर हो सकता है।
ईलाज में देरी करने से बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है जिससे मरीज को अधिक खर्च का बोझ वहन करना पड़ता है।
जिला चिकित्सालय से डॉक्टर् सर्वेश ने वार्षिक टी बी रिपोर्ट साझा की और प्राइवेट चिकित्सको को निक्ष्य पोर्टल की जानकारी दी।
कोषाध्यक्ष डॉ प्रवीण शर्मा ने आईएमए के अन्य कार्यक्रमो की जानकारी दी।
इस अवसर पर डॉ राजकुमार शर्मा,डॉ रतन चन्द्र,डॉ वी एस पुंडीर, डॉ अमरजीत पोपली,डॉ नरेश नोसरान, डॉ मोहन पाण्डे, डॉ मोहन सिंह,डॉ राहुल सिंह,डॉ रविकान्त निरंकारी,डॉ उदयराज,डॉ रिक्की चौधरी,डॉ अरुण अनेजा, डॉ महेश चन्द्रा, डॉ ड़ी के तिवारी,डॉ आर एस पंवार, डॉ समीर सिंघल आदि का विशेष सहयोग रहा।