सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में अभी और वक्त लग सकता है. उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल पर पंहुच गए हैं और एक अनुमान के मुताबिक अगर सब सही रहा तो रात 10 से 12 बजे के बीच रेस्क्यू पूरा हो सकता है.
हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को लेकर चलाए जा रहे बचाव अभियान पर बात की. सीएम धामी ने कहा “रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है.
पीएम मोदी लगातार मजदूरों के बारे में पूरी जानकारियां लेते हैं और समाधान पर चर्चा करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए काम कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह ऑपरेशन पूरा होगा और सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे.
केंद्र सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह सिलक्यारा में ही मौजूद है। वह अब तक दो बार सुरंग के अंदर जाकर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करने की कवायद का जायजा ले चुके हैं।
सिलक्यारा टनल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टनल विशेषज्ञ कर्नल परिक्षित मेहरा ने बताया कि जल्द ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो शाम पांच बजे तक एस्केप टनल बनाने का काम पूरा हो जाएगा। अब 9 से 12 मीटर की ही ड्रिलिंग शेष है
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम उन्हें (फंसे हुए मजदूर) तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं.
अभियान में देरी हो रही है और ऐसा लगता है कि कुछ समय और लगेगा.’’ उन्होंने कहा कि सभी 41 श्रमिक ठीक हैं लेकिन उन्हें स्वस्थ और मानसिक रूप से ठीक रहने की जरूरत है.
गोंडवाल ने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया कि वे ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं, तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं.’ इन श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि उनका मनोबल ऊंचा रहना चाहिए और उन्हें आशावान रखना चाहिए.
चिकित्सकों की एक टीम प्रतिदिन श्रमिकों से बात करती है और उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी लेती है.