(सहारनपुर) सहारनपुर के एक निजी स्कूल में फीस न देने पर कुछ बच्चों को मॉर्निंग असेंबली में पूरे स्कूल के सामने बाहर निकाल कर अपमानित किया गया
यही नहीं सुबह ठंड में तकरीबन आधा घंटा बच्चों को खड़े रखा। आरोप है कि बच्चों को कहा गया अगर तुम्हारे मां-बाप के पास फीस भरने के पैसे नहीं है तो कल से स्कूल मत आना। जानकारी के मुताबिक सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित होंडा शोरूम के निकट, निजी स्कूल द्वारा सुबह असेंबली में फीस न जमा होने का हवाला देते हुए
बड़ी संख्या में बच्चों को बाहर निकाला गया। बच्चों द्वारा बताया गया कि कुछ दिन पूर्व व्हाट्सएप ग्रुप पर एक मैसेज स्कूल द्वारा किया गया था जिसमें कहा गया, जिन बच्चों की फीस जमा नहीं है वो फीस जमा कर दे। मिली जानकारी के अनुसार जिन बच्चों को बाहर निकल गया उनकी एक या दो महीने की फीस ही बकाया है।
सवाल यह है कि स्कूल जिसको शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, उस मंदिर में देश दुनिया का भविष्य बनने जा रहे नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ क्या यह अमानवीय व्यवहार उचित है।
क्या भरी असेंबली में बच्चों को चिन्हित कर उनका अपमान करना सही है?
क्या स्कूल प्रशासन को एक बार बच्चों के माता-पिता को कॉल करके इस विषय पर जानकारी नहीं देनी चाहिए?
हालांकि जब हमने इस पूरे मामले में स्कूल के प्रिंसिपल से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ देर बाद बात करने का हवाला देते हुए फोन काट दिया। इसके बाद उनसे संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जब हमने इस मामले में प्रोगेसिव स्कूल समिति के संयोजक सुरेंद्र चौहान से बात की तो उन्होंने कहा आज के डिजिटल युग में बच्चों की भावनाएं जल्दी आहट होती है ऐसे में उन्हें सबके सामने अपमानित करना गलत है स्कूल प्रशासन को बच्चों को असेंबली में चिन्हित कर बुलाना बिल्कुल गलत है इससे बच्चों का मनोबल टूटता है। स्कूल प्रशासन को माता-पिता से बात करनी चाहिए थी।