कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (पीएमएलए) से जुड़े एक केस की चार्जशीट में दर्ज किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीनें खरीदीं. इस एजेंट ने एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थम्पी को भी जमीनें बेचीं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रियंका गांधी का जिक्र किया है। यह मामला एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थंपी से जुड़ा है, जिसमें प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर भी आरोप हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, थम्पी पर ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा के साथ मिलकर भंडारी को अपराध की कमाई छिपाने में मदद करने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, ईडी ने इस मामले से जुड़े हुए पहले की चार्जशीट में थम्पी के करीबी सहयोगी के तौर पर रॉबर्ड वाड्रा का नाम लिया है.
मगर ये पहली बार है कि अदालत में जमा किए गए आधिकारिक दस्तावेज में प्रियंका गांधी के नाम शामिल किया गया है.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बीते नवंबर को चार्जशीट दाखिल की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस चार्जशीट के अनुसार, संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि ‘रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा ने वाड्रा और थंपी दोनों को जमीन बेची।
हरियाणा में जमीन सौदे के बदले पाहवा को दस्तावेजों से अलग नकद रकम मिली। चार्जशीट के अनुसार, वाड्रा ने सौदे की पूरी रकम का भुगतान भी नहीं किया। पाहवा ने साल 2006 में प्रियंका गांधी को भी कृषि जमीन बेची थी लेकिन साल 2010 में इसे वापस खरीद लिया था।’
ईडी की चार्जशीट में बताया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने भी एचएल पाहवा के माध्यम से हरियाणा में 2005-2006 में (40.08 एकड़) जमीन खरीदी थी और यही जमीन दिसंबर 2010 में फिर से पाहवा ने रॉबर्ट वाड्रा से वापस खरीदी।
प्रियंका गांधी ने भी हरियाणा के अमिपुर गांव में पाहवा से साल 2006 में ही (5 एकड़) जमीन खरीदी और फिर फरवरी 2010 में वही जमीन वापस पाहवा को बेच दी।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि रॉबर्ट और प्रियंका को आरोपी नहीं बताया गया है. मगर थम्पी और वाड्रा के बीच संबंध दिखाने के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त का जिक्र हुआ है.