सहारनपुर। दिल्ली से सहारनपुर की ओर आ रही पैसेंजर ट्रेन शनिवार रात एक बड़ी दुर्घटना का शिकार होते-होते बच गई। यह हादसा दिल्ली-सहारनपुर रेलवे मार्ग पर बलवा गांव के पास होना था, जहां शरारती तत्वों ने एक मोटा लोहे का पाइप रेलवे ट्रैक पर रख दिया था। लेकिन समय रहते चालक की सूझबूझ और सतर्कता के कारण ट्रेन रुक गई और सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।

रात 10:30 बजे हुआ घटनाक्रम
शनिवार रात लगभग 10:30 बजे दिल्ली से सहारनपुर की ओर आ रही 64021 पैसेंजर ट्रेन जैसे ही बलवा गांव के अंडरपास के पास पहुंची, चालक ने कुछ संदिग्ध देखा और बिना समय गंवाए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। जब चालक नीचे उतरकर देखा तो पाया कि रेलवे ट्रैक पर लगभग 12 फीट लंबा और मोटा लोहे का पाइप रखा गया है, जिसे देखकर साफ अंदेशा हुआ कि यह कोई सामान्य शरारत नहीं बल्कि ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश हो सकती थी।
एक घंटे तक जंगल में खड़ी रही ट्रेन
इस घटना के बाद करीब एक घंटे तक ट्रेन जंगल के इलाके में खड़ी रही। अंधेरे और सुनसान वातावरण में यात्रियों को भय और असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने तुरंत सतर्कता दिखाई और संबंधित अधिकारियों को सूचना दी गई।
आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही सहारनपुर के एसपी रामसेवक गौतम, एएसपी संतोष कुमार सिंह, जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। मौके का निरीक्षण किया गया और तुरंत जांच शुरू कर दी गई। जीआरपी थाना प्रभारी चांदवीर सिंह ने बताया कि यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है। यदि चालक समय रहते ट्रेन नहीं रोकता, तो एक भीषण रेल दुर्घटना हो सकती थी।

नलकूप से चुराया गया था पाइप
जांच के दौरान आरपीएफ अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि जिस लोहे के पाइप को रेलवे ट्रैक पर रखा गया था, उसे बलवा गांव के ही पास स्थित एक नलकूप से उखाड़ा गया था। इससे यह संदेह और भी गहरा हो गया है कि इस पूरी घटना के पीछे किसी गिरोह या आपराधिक तत्वों का हाथ हो सकता है, जो या तो चोरी की मंशा से आए थे या फिर किसी बड़ी अनहोनी की योजना बना रहे थे।
डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम ने की जांच
एसपी रामसेवक गौतम के निर्देश पर डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया। इन विशेषज्ञ टीमों ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की और साक्ष्य जुटाए। एसपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को भी जांच में लगाया गया है।
हादसा या साजिश? जांच जारी
एसपी रामसेवक गौतम का कहना है कि इस मामले में रेलवे अधिकारियों से भी बात की जा रही है। यह जांच का विषय है कि चोर पाइप लेकर भाग नहीं सके और ट्रेन आने पर उसे ट्रैक पर फेंक कर भागे, या फिर यह एक सुनियोजित साजिश थी। एसपी ने यह भी कहा कि पूरी जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि इसके पीछे क्या मंशा थी।
चालक की सतर्कता बनी यात्रियों की ढाल
इस पूरे घटनाक्रम में ट्रेन के चालक की सतर्कता और सूझबूझ की सराहना की जा रही है। उन्होंने समय रहते खतरे को भांपकर ट्रेन रोक दी और एक बड़ा हादसा टल गया। रेलवे प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों ही इस मामले की गहन जांच में जुटे हुए हैं।