सहारनपुर।
जनपद के थाना जनकपुरी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर की गई ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने एक वरिष्ठ एडवोकेट को उनके कनाडा में रह रहे बेटे की नकली आवाज सुनाकर 1.49 लाख रुपए की ठगी कर ली। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, सलेमपुर गाड़ा निवासी मोहम्मद असजद ने थाना जनकपुरी में दी गई तहरीर में बताया कि वह एडवोकेट सुरेश कुमार वर्मा के अधीन जूनियर एडवोकेट के रूप में कार्यरत हैं। सुरेश कुमार वर्मा का बेटा निखिल वर्मा वर्तमान में कनाडा में रहता है।
मोहम्मद असजद के अनुसार, बीते दिनों सुरेश वर्मा के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल रिसीव करने पर दूसरी तरफ से उनके बेटे निखिल की रोती हुई आवाज सुनाई दी, जिसमें वह मदद की गुहार लगा रहा था। आवाज इतनी असली और भावुक थी कि सुरेश वर्मा घबरा गए और तुरंत पैसे भेजने को तैयार हो गए।
ठगों ने वॉट्सएप कॉल पर एआई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बेटे की नकली आवाज में बात कराई और इमरजेंसी का हवाला देते हुए तत्काल पैसे की मांग की। इस पर एडवोकेट सुरेश वर्मा की मदद से मोहम्मद असजद ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ट्रांसपोर्ट नगर शाखा से पेटीएम के जरिए तीन ट्रांजैक्शन में कुल 1 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
इतना ही नहीं, इसके बाद एडवोकेट सुरेश वर्मा ने अपने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) खाते से 49 हजार रुपए और भेज दिए। ठगी की यह रकम सुधा कुमारी नाम की महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी।
घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ितों ने इसकी शिकायत एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कराई और थाना जनकपुरी पुलिस को भी मामले से अवगत कराया। पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है, जब एआई तकनीक के जरिए ठगी की गई हो। इससे पहले भी देशभर में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां लोगों की आवाज की नकल कर भावनात्मक रूप से ठगा गया है।
पुलिस की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर बिना पुष्टि किए पैसे न भेजें और ऐसे मामलों में सतर्कता बरतें। किसी इमरजेंसी की स्थिति में पहले संबंधित व्यक्ति या परिजन से सीधे संपर्क करने की सलाह भी दी गई है।