मृणांक सिंह, एक ऐसा नाम जो पिछले कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ है। यह एक ऐसा नाम है जिसने करियर तो एक क्रिकेटर के रूप में शुरू की थी, लेकिन बन गया एक ठग। एक ऐसा ठग जिसने भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी नहीं छोड़ा और उन्हें 1.6 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया।
मृणांक को लग्जरी लाइफस्टाइल जीने का मोह था। उसे महंगे रेस्टोरेंट में खाना और फाइव स्टार होटलों में रहने का शौक था।
इस युवा क्रिकेटर की विलासितापूर्ण जीवन जीने की इच्छा को पूरा करने के लिए अलग-अलग योजनाएं थीं। इसके लिए मृणांक ने खुद को एक आईपीएल क्रिकेटर के रूप में पेश किया, जो महिलाओं और खेल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को धोखा देने के लिए खुद को मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा बताता था।
अगर वह कभी पकड़ा जाता है तो उसने खुद के लिए एक बैकअप पहचान भी बना रखी थी।
हरियाणा के लिए अंडर-19 क्रिकेट टीम में खेल चुके 25 साल के इस खिलाड़ी पर कई लग्जरी होटलों और रिसॉर्ट्स और यहां तक कि भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी धोखा देने का आरोप है। वह ब्रांड्स और लोगों को धोखा देने के लिए एक खास तरीके से काम करता था।
मृणांक ने खुद को आईपीएल क्रिकेटर के रूप में पेश किया। यानी ठगी के लिए उसने खुद को आईपीएल खिलाड़ी के रूप में ब्रांड्स और कई फाइव स्टार होटलों के सामने पेश किया।
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार मृणांक ने खुद एक बयान में बताया कि वह लोगों को बताता था कि 2014 से 2018 तक मुंबई इंडियंस के लिए खेल चुका है। उसने इस दावे का इस्तेमाल यह धारणा बनाने के लिए किया कि वह ‘लोकप्रिय’ है।
इससे उसे महिलाओं को प्रभावित करने, महंगे रेस्तरां में भोजन करने और बिलों का भुगतान किए बिना फाइव स्टार होटलों में रहने में मदद मिली।
2022 में इस कथित ठग ने दिल्ली के ताज पैलेस होटल को अपना निशाना बनाया और एक हफ्ते के लिए वहां रुका था। वह 5.53 लाख रुपये का बिल चुकाए बिना लग्जरी होटल से चला गया और कर्मचारियों से कहा कि वह एक क्रिकेटर है और एक ब्रांड उनके रहने की राशि का भुगतान करेगा।
होटल के कर्मचारियों ने उस पर विश्वास किया और बैंक विवरण साझा किया। पुलिस ने कहा कि उसने लाखों रुपये के लेनदेन की आईडी साझा की, लेकिन यह फर्जी निकली। होटल ने बकाया भुगतान करने के लिए उससे कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन तब तक मृणांक रफू-चक्कर हो चुका था।
उसने होटल से झूठे दावे किए थे। कुछ दिन बाद तो मृणांक ने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर दिया। इसके बाद होटल ने पुलिस को घटना से अवगत कराया।
अतिरिक्त डीसीपी ने कहा, “वह पुलिस जांच से बचने के लिए सभी उपाय कर रहा था. उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ मोड में रहता था और उसके अधिकांश संचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या इंटरनेट चैटिंग एप्लिकेशन पर होते थे.
उसके परिचितों को यह भरोसा दिलाया गया था कि वह भारत में नहीं है और अब दुबई में बस गया है. इसके बाद स्थानीय अदालत की ओर से उसके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया और देश से बाहर भागने की कोशिश करने की स्थिति में उसे पकड़ने और गिरफ्तार करने के लिए एक लुक आउट-सर्कुलर भी जारी किया गया.”
अतिरिक्त डीसीपी ने कहा, “सोमवार को उसे आईजीआई हवाईअड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया, क्योंकि उसकी एलओसी पहले से ही मौजूद थी, जब वह हांगकांग के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था और उसे पुलिस को सौंप दिया गया.”
मृणांक ने कर्नाटक के आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी बैकअप पहचान का उपयोग करके लोगों और आव्रजन अधिकारियों को धोखा देने का भी प्रयास किया।
पुलिस के मुताबिक, उसने खुद को कर्नाटक पुलिस का अतिरिक्त महानिदेशक आलोक कुमार बताया और गिरफ्तारी से बचने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कॉल किया और कहा- उसे अपने बेटे मृणांक सिंह के लिए मदद की जरूरत है जिसे दिल्ली हवाई अड्डे पर अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।हालांकि, इस बार पुलिस उसके चाल में नहीं फंसी और उसे गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि उसने पुलिस को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की और दावा किया कि उसके पिता, अशोक कुमार सिंह 1980 के दशक के अंत में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले थे और वर्तमान में एयर इंडिया के साथ एक प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात हैं।
इतना ही नहीं उस पर खुद को चंडीगढ़ का एडीजीपी बताकर जालंधर के ट्रेवल एजेंट से 5.76 लाख रुपये की ठगी के भी आरोप हैं।
मृणांक सिंह ने यह भी खुलासा किया कि उसने खुद को एडीजीपी, कर्नाटक बताते हुए कई लक्जरी रिसॉर्ट्स/होटलों को लाखों रुपये का चूना लगाया है और कई मौकों पर आईपीएल क्रिकेटर के रूप में अपने स्टारडम का इस्तेमाल उन्हें प्रभावित करने के लिए किया और कई दिनों तक ठहरने और बकाया चुकाए बिना होटल छोड़ दिया और बाद में भुगतान करने का वादा किया.
अतिरिक्त सीपी ने कहा, “उसके मोबाइल फोन के विश्लेषण से प्रथम दृष्टया पता चला कि उसकी धोखाधड़ी और प्रतिरूपण के कई शिकार हुए हैं और ठगी गई राशि कई लाख रुपये है. उसके पीड़ितों में होटल, बार, रेस्तरां, लड़कियां, कैब ड्राइवर शामिल हैं.” उन्होंने कहा, “पंत के साथ 2020-21 में 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी भी हुई थी.
मृणांक सिंह के मोबाइल फोन के शुरुआती विश्लेषण से युवा मॉडलों/लड़कियों के साथ उनकी दोस्ती का पता चला है और इसमें कई वीडियो और तस्वीरें हैं, जिनमें से कुछ बेहद आपत्तिजनक हैं. मृणांक सिंह को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया.