सहारनपुर। शहर में अंबाला रोड स्थित एक निजी मस्जिद की संपत्ति को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। मामले में युवक मसरूर खान ने कई लोगों पर षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को मस्जिद का मुतवल्ली घोषित करने और लाखों रुपये का अवैध चंदा इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। मसरूर खान द्वारा दायर प्रार्थना पत्र पर सीजीएम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

थाना कोतवाली मंडी क्षेत्र निवासी मसरूर खान ने बताया कि उनके पूर्वज स्वर्गीय इब्राहिम ने 8 मई 1940 को अंबाला रोड स्थित खसरा संख्या 980 और 981 की भूमि खरीदी थी। इस भूमि पर एक निजी मस्जिद का निर्माण कराया गया, जिसकी देखरेख उनकी दादी रशीदन बीबी करती थीं। यह मस्जिद नगर पालिका परिषद के वर्ष 1952-53 के रिकॉर्ड और 1359 फैसली के अभिलेखों में भी दर्ज है।
मसरूर के अनुसार, इस संपत्ति को लेकर वर्ष 1967 में एक विवाद हुआ था, जिसमें उनके परिवार द्वारा राशि अदा की गई थी। इसके बाद 1975 में दोबारा विवाद उत्पन्न हुआ, और इस बार उनके पिता स्वर्गीय नाजिम खां द्वारा संबंधित राशि जमा कराई गई। उनका कहना है कि वर्तमान में नगर निगम के रिकॉर्ड में यह संपत्ति उनके और उनके भाइयों के नाम दर्ज है।
हालांकि, मसरूर का आरोप है कि मोहम्मद सरफराज, शमी, असद उर्फ गुड्डू, जिया खान और तीन अन्य अज्ञात लोगों ने मिलकर षड्यंत्र रचा और फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर खुद को मस्जिद का मुतवल्ली घोषित करने की कोशिश की। इसके अलावा, उन्होंने मस्जिद के नाम पर लाखों रुपये का अवैध चंदा भी एकत्र किया है।
मसरूर ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जानकारी थाना कुतुबशेर और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंततः उन्होंने न्यायालय की शरण ली और सीजीएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया।
कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मसरूर खान ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।